कान की मशीन आवाज को अम्प्लीफाय करके कान में पहुंचाती है, इसका मतलब आवाज़ तेज होकर कान में आती है। तेज आवाजें कानों को और नुकसान करती हैं। उपर से मशीन कान के बिल्कुल अंदर कोमल हिस्से में फिट होती है तो तेज आवाजें सीधा वहीं पहुंचती हैं, तेज आवाजों से कानों के हेयर सेल्स नष्ट होने लगते हैं। इन हेयर सेल्स से ही हम सुन पाते हैं। मशीन लगाकर हेयर सेल्स को नुकसान अवश्य होता है हालांकि डॉक्टर ब्लफ करते हैं कि नहीं होता। मशीन लगाकर हियरिंग लॉस की गति बढ़ जाती है। अब डिजिटल मशीनें आ गयी हैं जिनसे नुकसान कम गति से होता है लेकिन होता उनसे भी है। अब यह लगाने वाले के ऊपर है कि अगर मजबूरी है तो लगानी ही पड़ेगी। वर्ना अगर बिना मशीन लगाए गुजारा हो जाता है तो बेस्ट यही है कि कभी-कभार लगाई जाए।
कान की मशीन को नियमित रूप से उपयोग करने पर क्या कोई नुकसान की संभावना रहती है?